Gorakhpur News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गुरुवार को जनपद गोरखपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 500 क्षमता वाले सभागार एवं नेशनल सेन्टर फॉर पॉलिसी रिसर्च इन टोबैको कन्ट्रोल (एनसीपीआरटीसी) का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि बीमारी के उपचार का महत्वपूर्ण पक्ष बचाव होता है। बचाव का यह पक्ष हम सबको आज इस नेशनल सेंटर फॉर रिसर्च इन टोबैको कन्ट्रोल के साथ जोड़ता है। प्रत्येक व्यक्ति जानता है कि तम्बाकू से अनेक बीमारियां होती है। धूम्रपान मनुष्य के लिये बहुत हानिकारक है। जो इसका सेवन करता है, उसके लिये तो यह हानिकारक है ही, लेकिन जो इसका स्वयं सेवन नहीं कर रहा है और उस व्यक्ति की संगति में हैं, तो होने वाले नुकसान से वह अपने आपको बचा नहीं सकता है। इसके दृष्टिगत जागरूकता के अनेक कार्यक्रम चलते हैं। जागरूकता के माध्यम से हम अधिक से अधिक जनमानस को जोड़कर उन्हें किसी भी संभावित खतरे से बचाने के लिये एक बड़ा अभियान आगे बढ़ा सकते हैं।
दृश्य को बढ़ावा नहीं देते हैं
सीएम ने कहा कि एम्स, गोरखपुर इसकी अगुवाई कर रहा है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार ने इस प्रकार के नियम बनाये हैं, जो फिल्मों, विज्ञापनों में कहीं भी धूम्रपान के दृश्य को बढ़ावा नहीं देते हैं।
कुछ नया करने का प्रयास करें
उन्होंने कहा कि मेडिकल क्षेत्र में जो लोग अपने स्वावलम्बन का आधार बनाना चाहते हैं, सेवा के क्षेत्र को चुनना चाहते हैं, उनके लिये यह और भी महत्वपूर्ण इसलिये हो जाता है कि वह अपने पाठ्यक्रम तक सीमित न रहकर अपने स्तर पर कुछ नया करने का प्रयास करें।
नया रिसर्च पेपर भी तैयार करते हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक चिकित्सक के पास सबसे ज्यादा सम्भावना होती है। चिकित्सक अगर एक वर्ष तक ओपीडी में बैठता है, तो उसके लिये एक नया पब्लिकेशन ओपीडी के माध्यम से प्राप्त हो जाता है। प्रत्येक मरीज को दी जाने वाली उसकी सलाह और मरीज के सभी लक्षण एक नया रिसर्च पेपर भी तैयार करते हैं।
समाहित करने का भरपूर प्रयास किया है
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में इन सभी बातों को समाहित करने का भरपूर प्रयास किया है। आपका इनोवेशन तथा रिसर्च आपकी योग्यता का आधार बनेगा और उसी प्रकार से आप आगे बढ़ पाएंगे।
50 हजार बच्चों की मौत हुई
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में मस्तिष्क ज्वर (Encephalitis) से पिछले 40 वर्षों में लगभग 50 हजार बच्चों की मौत हुई। लेकिन उन्हें इन 40 वर्षों में इंसेफेलाइटिस से संबंधित कोई भी रिसर्च नहीं मिली। कोई भी उस पर काम नहीं कर पाया। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में उपचार होता था, लेकिन वहां संसाधनों का अभाव था। वर्ष 2017 में हमारी सरकार बनने के बाद इंसेफेलाइटिस के समूल नाश के लिए कार्य किया गया।
इंसेफेलाइटिस को जड़ से समाप्त करने के लिए कार्य किया जा रहा है
उन्होंने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में संसाधन उपलब्ध कराने के साथ ही, हर जनपद में जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी पर पीकू वॉर्ड का निर्माण कराया गया। प्रदेश सरकार के 09 विभिन्न विभागों को जोड़कर जागरूकता, स्वच्छता, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता एवं सैनिटाइजेशन के लिए कार्य किया गया। इसका नोडल स्वास्थ्य विभाग को बनाया गया। इसके परिणाम स्वरूप 95 प्रतिशत तक इंसेफेलाइटिस को रोकने में सफलता मिली। इंसेफेलाइटिस को जड़ से समाप्त करने के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज यदि कोई बच्चा बीमार होता है, तो उसका तत्काल इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेन्ट सेन्टर ईटीसी पर ले जाकर बेहतर इलाज होता है।
रिसर्च की संभावनाओं को आगे बढ़ा सकते हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री के प्रयास से भारत ने 9 महीने में दो-दो स्वदेशी वैक्सीन बना दी। भारत में 200 करोड़ वैक्सीन के डोजेज लग चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमने डिग्री ली है, इसका मतलब हमारा कॉलेज समाप्त नहीं हो जाता। हमारे लिये विकास/रिसर्च का क्षेत्र खुला हुआ है। जहां पर हम रिसर्च की संभावनाओं को आगे बढ़ा सकते हैं। टोबैको कन्ट्रोल के इस अभियान को जागरूकता के साथ-साथ वृहद् पैमाने पर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। एक चिकित्सक इस अभियान के साथ जुड़ेगा तो स्वाभाविक रूप से आम आदमी उस पर विश्वास करेगा।
एक पुस्तक का विमोचन किया
सीएम ने इस अवसर पर तम्बाकू नियन्त्रण पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो सुरेखा किशोर, प्रो अशोक प्रसाद, प्रो बीएस गर्ग, वन्दना शाह ने भी लोगों को सम्बोधित करते हुए धूम्रपान से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिये जागरूक किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, मण्डलायुक्त रवि कुमार एन जी, जिलाधिकारी श्री कृष्णा करुणेश सहित अन्य अधिकारीगण एवं एम्स के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।