New Delhi : कोरोना महामारी की वजह से लागू बंदी के बावजूद देश में कुल कर संग्रह बीते वित्त वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड 27.07 लाख करोड़ रुपये रहा। जानकारी के मुताबिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह (Tax Collection) में उछाल से कुल संग्रह में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
राजस्व सचिव तरूण बजाज ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि सकल कर संग्रह अप्रैल 2021 से मार्च 2022 में 27.07 लाख करोड़ रुपये रहा। जबकि बजट में अनुमान 22.17 लाख करोड़ रुपये का किया गया था।
अनुमान से अधिक रहा
बीते वर्ष प्रत्यक्ष कर संग्रह 49 प्रतिशत उछलकर 14.10 लाख करोड़ रुपये रहा। यह बजट अनुमान से 3.02 लाख करोड़ रुपये अधिक है। प्रत्यक्ष कर के अंतर्गत व्यक्तिगत आयकर (Income Tax) और कंपनी कर (Company Tax) आता है।
30 फीसदी बढ़ा
अधिकारी ने कहा कि उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क समेत अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2021-22 में 30 प्रतिशत बढ़कर 12.90 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। जो बजट अनुमान से 1.88 लाख करोड़ रुपये अधिक है। इस साल पेश बजट में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 11.02 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था।
1999 के बाद सर्वाधिक है
कर-जीडीपी अनुपात बीते वित्त वर्ष में उछलकर 11.7 प्रतिशत पर पहुंच गया। जो 2020-21 में 10.3 प्रतिशत था। यह 1999 के बाद सर्वाधिक है। दरअसल पिछले 2 साल से कोरोना की वैश्विक महामारी से दुनिया बेहाल है।
अच्छे संकेत हैं
लॉकडाऊन की वजह से कारोबार और व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ा है। हजारों स्टार्ट-अप बंद हो गए। भारत सहित दुनिया के ज्यादातर देश महंगाई से जूझ रहे हैं। मगर इन सब चुनौतियों के बावजूद इनकम टैक्स और कंपनी टैक्स में रिकॉर्ड कलेक्शन सकारात्मक संकेत देता है।