देवरिया : 12 साल से ठंडे बस्ते में थी शत्रु संपत्ति फाइल, डीएम की सख्ती पर 24 घंटे में बदला नाम

-सलेमपुर में तीन शत्रु संपत्तियों का भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक को हुआ नामांतरण

-आदेश के 12 वर्ष बाद जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद हुआ नामांतरण

-1947 में पाकिस्तान चले गये थे मोहम्मद ताहिर, मोहम्मद यासीन व ताज मोहम्मद

-एक करोड़ 85 लाख रुपये आंकलित किया गया है तीनों भू-संपत्तियों का मूल्य

Deoria News : जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh IAS) के हस्तक्षेप के बाद 12 साल से सलेमपुर (Salempur) में लंबित 3 शत्रु संपत्तियों का नामांतरण भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक के नाम हो गया है। इन तीन भू संपत्तियों का मूल्य एक करोड़ 85 लाख रुपये से अधिक आंकलित किया गया है।

1.721 हेक्टेयर भूमि दर्ज थी

सलेमपुर तहसील के ग्राम चकमुक़ामली निवासी मोहम्मद ताहिर, मोहम्मद यासीन व ताज मोहम्मद पुत्र अब्दुल हमीद साल 1947 में विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए थे। इनमें से मोहम्मद ताहिर, मोहम्मद यासीन व ताज मोहम्मद के नाम सम्मिलित रूप से गाटा संख्या 16, 73 व 114 में कुल 1.721 हेक्टेयर भूमि दर्ज थी।

कानूनी प्रावधान है

शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 की धारा 5 व 24 के अंतर्गत ऐसी संपत्ति शत्रु संपत्ति मानी जाती है और उसे भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक में रखने का कानूनी प्रावधान है।

नामांतरण नहीं हो सका था

इस संबन्ध में भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी फॉर इंडिया ने दिनांक 20/10/2010 को मुख्य राजस्व अधिकारी देवरिया को उक्त संपत्ति का नामांतरण अपने नाम कराने का आदेश दिया था। लेकिन, गत 12 वर्षों के दौरान यह नामांतरण नहीं हो सका था।

कार्रवाई की जाएगी

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के संज्ञान में प्रकरण आने के बाद 24 घन्टे के भीतर खतौनी में नामांतरण दर्ज हो गया। जिलाधिकारी ने कहा कि 12 वर्षों से शत्रु संपत्ति के नामांतरण प्रकरण का लंबित रहना घोर लापरवाही द्योतक है। पूरे मामले की जांच कराकर जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाएगी।

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