Deoria News : अपर मुख्य सचिव पशुधन विभाग, उप्र ने गौ संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए जनपद स्तर पर प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (कन्ट्रोल रुम) का गठन करने के लिए निर्देशित किया है।
देवरिया के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ एके वैश्य (CVO Deoria AK Vaishya) ने इसके अनुपालन में जनपद स्तर पर प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (कन्ट्रोल रुम) सेल का गठन किया है।
इसमें –
-पशु चिकित्सा अधिकारी गौरी बाजार डॉ सतीश कुमार (मोबाइल नम्बर 9628175842)
-पशुधन प्रसार अधिकारी मुण्डेराचन्द अभिषेक कुमार यादव (मोबाइल नम्बर 9415749430)
-कम्प्यूटर ऑपरेटर विवेक यादव (मोबाइल नम्बर 6392172237) एवं
-क्यूम खान (मोबाइल नम्बर 9696855252) को नामित किया है।
उन्होंने नामित अधिकारी/ कर्मचारी को निर्देशित किया है कि वो कन्ट्रोल रुम पर प्रतिदिन प्राप्त होने वाली शिकायतों का अनुश्रवण कर संबंधित खण्ड विकास अधिकारी एवं उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी/ पशु चिकित्सा अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए वार्ता कर निस्तारण कराते हुए कार्यालय के मोबाइल नम्बर 9161946095 पर अवगत करायेंगे। इस कार्य के लिए अपने पदीय दायित्वों/ पूर्व कार्यों के साथ-साथ गो संरक्षण एवं गो चिकित्सा से संबंधित शिकायतों का निस्तारण कराना सुनिश्चित करेंगे।
गौ सेंक्चूरी बनाने की तैयारी
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (Jitendra Pratap Singh IAS Deoria) की अध्यक्षता में गोवंश संरक्षण के लिए जनपदीय मूल्यांकन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक का आयोजन बुधवार को विकास भवन स्थित गांधी सभागार में किया गया। बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त गौ-आश्रय स्थलों को शासन से निर्धारित मानकों के अनुपालन के साथ संचालित करने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने मुख्य राजस्व अधिकारी को निर्देशित किया कि एक एकड़ से अधिक की गोचर भूमि की सूची एनआईसी से प्राप्त कर हरा चारा उगाया जाए। उन्होंने जनपद में गो-अभ्यारण्य स्थापित करने के लिए भूमि तलाशने का निर्देश दिया। गो-अभ्यारण्य की स्थापना के लिए 40-50 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि अगले 5 साल के मद्देनजर तात्कालिक एवं दीर्घकालिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गौशाला के लिए योजना बनाई जाए।
जिलाधिकारी ने सहभागिता योजना के प्रचार प्रसार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को गो-वंशों को गोद लेने के लिए जागरूक किया जाए। जनपद में सहभागिता योजना का लक्ष्य 770 है, जिसके सापेक्ष 562 का चयन किया गया तथा वर्तमान में 201 गोवंशों को भरण पोषण के लिए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।