-यूपीपीसीएल के अवर अभियंता हुए निलंबित
-यूपीपीसीएल के परियोजना प्रबंधक और सहायक परियोजना प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस
-यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक नवीन कपूर ने नौतन हथियागढ़ में निर्माणाधीन राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में निर्माण कार्य की जांच के लिए बनाई समिति
-जिलाधिकारी ने यूपीपीसीएल के एमडी से की थी कार्रवाई की संस्तुति
Deoria News : उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड (Uttar Pradesh Project Power Corporation Limited) के प्रबंध निदेशक नवीन कपूर ने जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh IAS) की संस्तुति पर नौतन हथियागढ़ में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के निर्माण में लापरवाही बरतने पर एक अवर अभियंता को निलंबित कर दिया है। साथ ही परियोजना प्रबंधक और सहायक परियोजना प्रबंधक को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया है। तीन दिन की समय सीमा में इन्हें जवाब देना होगा।
समिति गठित हुई
एमडी ने निर्माण कार्य की जांच के लिए महाप्रबंधक, जोन-1 वाराणसी दिनेश कुमार की अध्यक्षता में एक दो सदस्यीय समिति का भी गठन किया है। विनय कुमार जैन इस समिति के सदस्य होंगे। यह समिति तीन दिन के भीतर राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, नौतन हथियागढ़ का स्थलीय निरीक्षण कर एमडी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
3 दिन में देना होगा जवाब
यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक नवीन कपूर ने अपने दायित्वों का निर्वहन भली-भांति न करने पर अवर अभियंता सत्य प्रकाश, निर्माण इकाई-29 गोरखपुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निर्माण इकाई-29 गोरखपुर के परियोजना प्रबंधक अनिल कुमार तथा सहायक परियोजना प्रबंधक नीरज कुमार पांडेय को निर्माण कार्य का समय-समय पर निरीक्षण कर मानक के अनुरूप कार्य न कराने और अपने दायित्वों का भली-भांति निर्वहन नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 3 दिन की समय सीमा में इन्हें अपना स्पष्टीकरण देना होगा, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
डीएम ने की संस्तुति
बताते चलें कि जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने देसही-देवरिया ब्लॉक के नौतन हथियागढ़ में निर्माणाधीन राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में मानक विरुद्ध एवं घटिया गुणवत्ता का कार्य करने पर उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के परियोजना प्रबंधक एवं अवर अभियंता के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति की थी। आयुर्वेदिक चिकित्सालय के निर्माण में गंभीर अनियमितता मिली थी।
ये विसंगतियां मिलीं
आयुर्वेदिक चिकित्सालय के निर्माण में नींव की गहराई ग्राउंड लेवल से 1 मीटर किया जाना प्रस्तावित था, जबकि मौके पर 15 सेंटीमीटर गहराई ही पायी गई। साथ ही गुणवत्ताहीन दोयम दर्जे की ईंट का प्रयोग करना पाया गया। नींव में बिना पीसीसी कार्य कराए ईंट की सोलिंग कर दी गई है। उपस्थित ग्रामवासियों एवं यूपीपीसीएल के अवर अभियंता ने बताया कि 60 फीट गहराई तक बोरिंग कर समरसेबल पंप लगा दिया गया है, जबकि एस्टीमेट में 75 मीटर गहराई तक बोरिंग कर समरसेबल करने का प्रावधान है।