देवरिया के मनमाने अफसर : पंचायत से जुड़े हर जिम्मेदार ने किया फर्जीवाड़ा, स्वीकृत नक्शे को दरकिनार कर कराया निर्माण, ऐसे हुआ खुलासा

-डीएम ने सेमरौना में चार कार्य परियोजनाओं का किया था औचक निरीक्षण

-अनियमितता पाये जाने पर तकनीकी जांच के लिए गठित की थी तीन सदस्यीय समिति

– रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने पंचायत सचिव को निलंबित किया

– तत्कालीन बीडीओ के विरुद्ध कार्रवाई के लिए डीएम ने शासन को लिखा पत्र

– तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख एवं तत्कालीन प्रधान के विरुद्ध भी होगी सुसंगत धाराओं के अधीन कार्रवाई

Deoria News : जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh IAS) ने इसी महीने के पहले हफ्ते में पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा (SP Sankalp Sharma IPS) के साथ तहसील रुद्रपुर अन्तर्गत ग्राम सेमरौना में चार कार्य परियोजनाओं बहुद्देशीय पंचायत भवन, आंगनवाड़ी केन्द्र, अन्त्येष्टि स्थल एवं निर्माणाधीन अग्निशमन केन्द्र का निरीक्षण किया।

वहां मिली खामियों पर उन्होंने काफी नाराजगी जतायी। डीएम ने अवर अभियंता तेज बहादुर पासवान को कडी फटकार लगायी। उन्होंने 3 सदस्यीय समिति गठित कर जांच आख्या तत्कालिक रुप में उपलब्ध कराये जाने का निर्देश डीपीआरओ को दिया था।

सस्पेंड किया
रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने ग्राम पंचायत सेमरौना में पंचायत भवन, अंत्येष्टि स्थल एवं आंगनबाड़ी निर्माण में पायी गई कमियों एवं शासकीय धन राशि के दुरुपयोग के आरोप में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर पंचायत सचिव शिशिर गुप्ता को तात्कालिक प्रभाव से निलंबित कर दिया था।

शासन को भेजी संस्तुति
तत्कालीन बीडीओ के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखने के साथ ही जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख एवं तत्कालीन ग्राम प्रधान के विरुद्ध भी पंचायती राज अधिनियम की सुसंगत धाराओं में कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।

सेमरौना में लिया जायजा
बताते चलें कि डीएम ने 4 जून को ग्राम सेमरौना में निर्मित पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन और अंत्येष्टि स्थल का निरीक्षण किया था और कमी मिलने पर त्रिसदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता सामने आई थी।

19 लाख लिए
अंत्येष्टि स्थल पर बिना इंटरलॉकिंग का कार्य कराए ही भुगतान कर दिया गया था। पंचायत भवन में भारत सरकार द्वारा निर्मित नक्शे में बिना किसी अधिकार के कमरों की संख्या 8 से घटाकर चार कर दी गई। इसके बावजूद लागत में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आई। पूर्व स्वीकृत 17.46 लाख रुपये की धनराशि में बल्कि 2.20 लाख रुपए की वृद्धि करते हुए कार्य की कुल लागत 19.68 लाख रुपये हो गई। आंगनबाड़ी भवन में भी कई कार्यों को बिना कराये ही उनका भुगतान किया गया। उक्त प्रकरण में वित्तीय अनियमितता के लिए जिम्मेदार लोगों को चिन्हित करके कार्रवाई करने का सिलसिला जारी है।

फटकार लगाई
बाद में डीएम ने उसी परिसर में निर्मित आंगनवाडी केन्द्र का भी निरीक्षण किया, जिसके निर्माण कार्य की गुणवत्ता काफी खराब पायी गयी। फर्श टूटे-फूटे व शौचालय नहीं बने हुए पाये गये। स्थापित इंडिया मार्का हैण्डपम्प की कच्ची नाली पायी गयी। परिसर में साफ-सफाई का आभाव था, जिसके लिए पंचायत सचिव शिशिर कुमार को कडी फटकार लगायी।

काफी खराब हालत मिली
जिलाधिकारी ने इस ग्राम पंचायत में ही निर्मित अन्त्येष्टि स्थल के निरीक्षण के दौरान पाया कि करीब 25 लाख रुपए के खर्चे से तैयार इस परियोजना की स्थिति भी काफी खराब है। उन्होने कहा कि शव को जलाने वाले स्थान में भी लूटपाट जैसे की गयी है। शौचालय ध्वस्त पडा है एवं टीन शेड टूटी पडी है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है, जिन्होंने यह निर्माण कार्य कराया है, उसमें बंदरबाट व लूटखसोट की गयी है।

समिति में शामिल रहे ये अधिकारी
पूरे फर्जीवाड़े की जांच के लिए डीएम ने एक कमिटी गठित की। इस समिति में अधिशासी अधिकारी सिचाई दुर्गेश कुमार, डीपीआरओ अविनाश सिंह एवं सहायक अभियंता आरईडी स्वेता मौर्या को सम्मिलित करते हुए इन्हे मौके पर जांच किये जाने तथा उसी दिन शाम तक रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के आदेश के साथ भेजा था।

कार्रवाई होगी
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि भ्रष्टाचार के इस प्रकरण में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। शासकीय धन का दुरुपयोग करने वाले सभी जिम्मेदारों के विरुद्ध विधिसम्मत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

Related posts

डीएम ने पिड़रा पुल और गायघाट तटबंध का लिया जायजा : ग्राम चौपाल में ग्रामीणों को दी ये जानकारी

निवर्तमान डीएम अखंड प्रताप सिंह को दी गई भावभीनी विदाई : एसपी संकल्प शर्मा ने कही ये बड़ी बात

दिव्या मित्तल ने देवरिया के 68वें डीएम का पदभार संभाला : जानें नई जिलाधिकारी से जुड़ी हर जानकारी