-जिलाधिकारी ने किया बरवाँमीर छापर में अमृत सरोवर परियोजना का औचक निरीक्षण
-खराब पर्यवेक्षण एवं परियोजना को विलंब से प्रारंभ करने पर जतायी गहरी नाराजगी
-खंड विकास अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि, ग्राम विकास अधिकारी निलंबित, ग्राम प्रधान को भी नोटिस
Deoria news : जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (IAS Jitendra Pratap Singh) ने सोमवार को देसही देवरिया ब्लॉक के बरवाँमीर छापर ग्राम में अमृत सरोवर परियोजना के तहत हो रहे तालाब जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कार्य का औचक निरीक्षण किया।
गहरी नाराजगी जताई
शासन की प्राथमिकता वाली अमृत सरोवर योजना में निर्माण कार्य में अनावश्यक विलंब एवं अत्यंत घटिया गुणवत्ता की निर्माण सामग्री का प्रयोग होने पर गहरी नाराज़गी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि, ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित करने एवं ग्राम प्रधान को नोटिस देने का आदेश दिया।
एक्शन लिया जाएगा
उन्होंने कहा कि जनहित में संचालित परियोजनाओं में किसी भी प्रकार की शासकीय धन की बंदरबांट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जवाबदेही तय कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
39 लाख स्वीकृत है
जिलाधिकारी सोमवार को अपराह्न 1:30 बजे बरवाँमीर छापर पहुंचे। वहां मौके पर अमृत सरोवर परियोजना के तहत अत्यंत प्रारंभिक स्तर का कार्य होता हुआ मिला। डीसी मनरेगा बीएस राय ने जिलाधिकारी को बताया कि कुल 39 लाख रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना को 19 जून को स्वीकृत किया गया था, किंतु कार्य विलंब से प्रारंभ हुआ।
नहीं मिला संतोषजनक जवाब
जिलाधिकारी ने इस महत्वपूर्ण परियोजना में अनावश्यक विलंब की वजह पूछी, लेकिन इसका संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इस पर उन्होंने गहरी नाराजगी व्यक्त की।
खराब क्वालिटी मिली
इसके पश्चात जिलाधिकारी ने तालाब के किनारे ग्रामवासियों के टहलने के लिए बन रहे पाथ-वे में प्रयोग की जा रही सामग्रियों की गुणवत्ता परखी। उन्होंने प्रयोग किये जा रहे कुछ ईंटों को आधा मीटर की ऊंचाई से गिराकर देखा, जिसमें सभी ईंट तुरंत टूट गई। मौके पर मौजूद राजमिस्त्री ने दोयम दर्जे के ईंट का प्रयोग होने की बात जिलाधिकारी को बताई।
सैंपल के लिए रखे गए
प्रथम दृष्टया दोयम दर्जे के ईंट का प्रयोग होने पर डीएम ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए लैब टेस्ट के लिए कुछ ईंटों को सैंपल के तौर पर रखने का निर्देश दिया। निर्माण में प्रयुक्त हो रही कई अन्य सामग्रियों की गुणवत्ता भी संदिग्ध मिली। उन्होंने डीसी मनरेगा को परियोजना की प्रगति एवं प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
हुआ ये एक्शन
जिलाधिकारी ने परियोजना के विलंब से क्रियान्वयन एवं अत्यंत खराब पर्यवेक्षण की जवाबदेही तय करते हुए खंड विकास अधिकारी विनय कुमार द्विवेदी को प्रतिकूल प्रतिविष्टि, ग्राम विकास अधिकारी भृगुनाथ को निलंबित एवं ग्राम प्रधान वंदना कुशवाहा को नोटिस देने का आदेश दिया।
कड़ी कार्रवाई की जाएगी
जिलाधिकारी ने समस्त खंड विकास अधिकारियों को अमृत सरोवर योजना के तहत हो रहे कार्यों को समयबद्धता एवं उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने का निर्देश दिया। साथ ही इसमें कोताही बरतने वाले अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई के लिए आगाह भी किया।