Deoria News : मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत परियोजना निजी भूमि पर तालाब निर्माण एवं निवेश के लिए 5.500 हेक्टेयर, रियरिंग यूनिट निर्माण के लिए 4.550 हेक्टेयर, 06 टैंक क्षमता मध्याकार रीसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम / बायोफ्लॉक निर्माण के लिए 01 यूनिट, 100 क्यूबिक मीटर क्षमता लघु रीसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम / बायोफ्लॉक निर्माण के लिए 20 यूनिट, बैकयार्ड रीसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम निर्माण के लिए 118 यूनिट, मोटर साइकिल विद आईसबॉक्स क्रय के लिए 28 यूनिट, साइकिल विद आईसबॉक्स क्रय के लिए 24 यूनिट, थ्री-व्हीलर विद आइसवॉक्स क्रय के लिए 01 यूनिट, जिन्दा मछली विक्रय केन्द्र के लिए 05 यूनिट, कियोस्क निर्माण के लिए 08 यूनिट एवं लघु फिश फिड मिल स्थापना 01 यूनिट का लक्ष्य आवंटित किया गया है। इसके लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किये गए हैं।
ऐसे करें आवेदन
इच्छुक व्यक्ति जो लाभार्थी अंश लगाने में सक्षम एवं सहमत हो, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत आवेदन करने के लिए विभागीय पोर्टल http://fymis.upsdc.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन 15 जुलाई तक कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन भरने के लिए फोटो, आधार कार्ड की छायाप्रति बैंक पासबुक की छायाप्रति, भूमि संबंधित अभिलेख रु 100/- के स्टाम्प पर नोटरी शपथ पत्र, मत्स्य समृद्धि फार्म, जाति प्रमाण पत्र हस्ताक्षर, ड्राइविंग लाइसेन्स आदि नियमानुसार अपलोड करना होगा। लाभार्थियों का चयन प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्धान्त के आधार पर निर्धारित लक्ष्य की सीमा तक किया जायेगा। जिन परियोजनाओं के लिए लक्ष्य निर्धारित नहीं है, उन परियोजनाओं में प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जायेगा।
इतना अनुदान मिलेगा
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला लाभार्थियों को 60 प्रतिशत तथा सामान्य एवं अन्य पिछड़ी जातियों को 40 प्रतिशत अनुदान देय है। अनुदान के अतिरिक्त शेष धनराशि लाभार्थी अंश है, जिसे लाभार्थी द्वारा स्वयं के संसाधन अथवा बैंक ऋण के माध्यम से व्यय किया जायेगा। सभी परियोजनाओं में अनुदान बैंक इन्डेड है। परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी विकास भवन के कार्यालय मत्स्य पालक विकास अभिकरण, देवरिया एवं विभागीय वेबसाइट http://fymis.upsdc.gov.in से प्राप्त की जा सकती है।