-मझौली राज गो-आश्रय स्थल पर डीएम की सख्ती का दिखा असर
-निर्माण कार्यों में अनियमितता को लेकर डीएम की थी गहरी नाराजगी व्यक्त
-गो-आश्रय स्थल की अव्यवस्थाओं से भी नाराज थे डीएम
-गो-आश्रय स्थल पर जोर-शोर से हो रहा है निर्माण कार्य
Deoria News : जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh IAS) के जनपद में विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के कराये गए मानक विरुद्ध निर्माण कार्यों पर अपनाये गए सख्त तेवर का असर दिखने लगा है। बीते महीने मझौली राज स्थित गो आश्रय स्थल के आकस्मिक दौरे पर निर्माण कार्यों में मिली अनियमितता के दृष्टिगत डीएम के कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद गो-आश्रय स्थल पर युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य जारी है।
विदित हो कि 21 मई को जिलाधिकारी ने मझौली राज स्थित गो-आश्रय स्थल के निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्यों में दोयम दर्जे के सामानों का प्रयोग, खराब गुणवत्ता की ईंटों का प्रयोग, घटिया प्लास्टर, एस्बेस्टस शीट के प्रयोग को लेकर गहरी नाराजगी जताई थी।
बदली जा रही ईंट
इस क्रम में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी पीएन सिंह तथा अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत मझौली राज पंकज कुमार को कड़ी फटकार लगाते हुए जिलाधिकारी ने त्रि-सदस्यीय कमिटी का भी गठन किया था। जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसका असर साफ-साफ दिखने लगा है तथा गो-आश्रय स्थल पर ठेकेदार घटिया ईंट को बदल कर नई ईंट लगा रहा है। नाली की मरम्मत की जा रही है और एस्बेस्टस शीट को भी बदला जा रहा है।
2 करोड़ से बन रहा
कुल 2 करोड़ 38 लाख रुपये की लागत वाली इस गो-आश्रय स्थल परियोजना में निर्माण का कार्य मेसर्स आदि शक्ति कंस्ट्रक्शन तथा पूरक कार्य मेसर्स सुरेश यादव द्वारा किया जा रहा है।
मानक के मुताबिक कराएं काम
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जनपद में विभिन्न योजनाओं के तहत हो रहे निर्माण कार्यों को पूरी गुणवत्ता एवं निर्धारित मानकों के अनुरूप समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए। यदि किसी भी तरह के भ्रष्टाचार या सरकारी धन के बंदरबांट की शिकायत मिलेगी, तो शासन की जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई तय है। इसलिए सभी कार्यदायी संस्थाएं निर्धारित मानक के अनुसार कार्य करें अथवा कार्रवाई के लिए तैयार रहें।