Uttar Pradesh : प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) सरकार ने सहकारी चीनी उद्योग को मजबूती प्रदान की है। राज्य के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा के निर्देशानुसार शासन ने सहकारी चीनी मिलों के प्रबन्धन में सुधार कर उनकी कार्यक्षमता में सुधार एवं आधुनिकीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ की। शासन के मार्गदर्शन में प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों की कार्यप्रणाली में बेहतर प्रबंधन के कारण निरन्तर सुधार दिखाई दिया।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 24 तथा देश में कुल 161 सहकारी चीनी मिलें संचालित हो रही हैं। अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रथम बार वर्ष 2019-20 के लिए प्रदेश की 5 एवं द्वितीय बार वर्ष 2020-21 के लिए 4 सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय सहकारी शक्कर कारखाना संघ लि, नई दिल्ली ने राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिये चयनित किया है।
लगातार प्रयास किए गए
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव ने बताया, विगत वर्ष में शासन स्तर से सहकारी चीनी मिलों की दक्षता बढ़ाने तथा कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इनमें विद्युत एवं यांत्रिकी ब्रेकडाउन कम करने के लिए शासन स्तर से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। चीनी मिलों के निर्बाध संचालन के लिए स्टेशनवाइज ऑफ सीजन में कराये जाने वाले कार्यों, संचालन संबंधी निर्देश, सावधानियां एवं सामान्य निर्देशों का विस्तृत मैनुअल जारी किया गया है। साथ ही नई चीनी मिल परियोजनाओं के लिए भी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
पहली बार हुआ कारनामा
इन प्रयासों के कारण चीनी मिलों की कार्यक्षमता में सुधार हुआ है। प्रदेश के इतिहास में प्रथम बार प्रदेश की 5 एवं द्वितीय बार 4 सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
इन चीनी मिलों को चुना गया –
- किसान सहकारी चीनी मिल पुवायां (शाहजहांपुर) को अधिकतम चीनी परता
- तिलहर (शाहजहांपुर) चीनी मिल को गन्ना विकास
- सठियावं (आजमगढ़) चीनी मिल को तकनीकी दक्षता
- रमाला (बागपत) चीनी मिल को अधिकतम गन्ना पेराई
- गजरौला चीनी मिल को अधिकतम चीनी परता के लिए राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।
- किसान सहकारी चीनी मिल स्नेहरोड (बिजनौर) को देश की सभी 161 सहकारी चीनी मिलों में सर्वोत्तम सहकारी चीनी मिल के लिए चयनित किया गया है।
पहले साल ही बनाया रिकॉर्ड
उन्होंने यह भी बताया कि रमाला (बागपत) चीनी मिल की पेराई क्षमता 2750 टी.सी.डी. से बढ़ाकर 5000 टी.सी.डी. की गई है। यहां 27 मेगावाट कोजन प्लांट की स्थापना की गयी। इन परियोजनाओं का लोकार्पण 4 नवम्बर, 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। परियोजनाओं की स्थापना के पश्चात प्रथम बार पेराई सत्र 2019-20 में ही 83 लाख कुंतल गन्ने की पेराई कर रमाला (बागपत) चीनी मिल ने राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित होने का गौरव प्राप्त किया।
दूसरी बार चुना गया
उत्कृष्ट गुणवत्ता होने के कारण वर्ष 2020-21 में भी लगातार दोबारा राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चुना गया। उन्होंने बताया कि स्नेहरोड (बिजनौर) चीनी मिल को लगातार 3 वर्षों से देश की सर्वोत्तम सहकारी चीनी मिल पुरस्कार के लिए चयनित होने का गौरव प्राप्त हो रहा है। वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के लिए सहकारी चीनी मिलों को प्राप्त होने वाले राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार का वितरण 16 नवम्बर, 2021 को राष्ट्रीय सहकारी शक्कर कारखाना संघ लि, नई दिल्ली के तत्वाधान में आयोजित होने वाले भव्य समारोह में चीनी मिलों को प्रदान किया जायेगा।